Saturday 14 February 2015

समय की रफ़्तार

                                       समय की रफ़्तार

हस्तलिखित पत्र का स्थान 
'मेल ' ने छिना  है। 
नवीन तकनीकों  ने ,
आत्मीयता को औपचारिकता में 
बदल दिया है।
धन तेरस पर बर्तन बिकने के स्थान पर ,
वाहन  ने अधिक अपना अस्तित्व 
बाज़ार में बनाया है। 
प्रत्यक्ष मुबारकवाद लोगों ने  देना छोड़ा ,
कम्प्यूटरीकरण ने फेसबुक से लोगों  को जोड़ा। 
आज के लोगों के सजे हुए तन ने ,
तंग होते हुए मन से ,
रूबरू करवाया है।
आज नेट का जमाना है ,
नेट पर चैट ने अपना ,
जाल फैलाया है।
वीडियो गेम ने ,
गिल्लीदण्डा का आस्तित्व छीना है। 
समय के रफ़्तार ने ,
लोगों के जीने का तजुर्बा ,
और देखने के  नजरिया से रूबरू करवाया है। 

हस्तलिखित पत्र का स्थान ,
'मेल ' ने छिना है।

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