Tuesday 31 January 2012

आज का युवा

दुनिया से तुमने लिया हमेशा,
  क्षण   भर के लिया 
दुनिया को दिया क्या ? 
स्वयं  में विलीन रहकर,
स्वयं के लिए सोचा हमेशा
युवा हो पर गर्व बढाया,
लोगो की रहो में अंगारे  बिछाये 
युवा होने पर मान बढाया 
कूटनीति को दिया  बढावा 
अन्तकाल तक आते- आते 
हाथ लगा पछतावा 
  दुनिया से तुमने लिया हमेशा 
क्षण भर के लिए 
 दुनिया को दिया क्या ? 

Monday 30 January 2012

भ्रष्टाचार



भ्रष्टाचार  है इसका नाम
लोगो को सताना इसका कम,
नये -नये तरीको से मोहित करना इसका कम
माया जाल का इसका रूप
 अन्धकार सा इसका स्वरूप ,
 गरीबो का पेट काटना  इसका धर्म
  अन्याय पर न्याय स्थापित करना इसका कर्म ,
 दुनिया के बच्चे को कुपोषण से प्रभावित करना इसका कम
 शिक्षा को मिटाना इसकी शान ,    
भष्टाचार है इसका नाम 
  लोगो को  सताना इसका काम, 
  गैर क़ानूनी काम काम करना है इनका धर्मं ,
लोगो का वस्त्र हरण करना  इनका कर्म  ,
पानी का कोई रंग नहीं , 
नेताओ को कोई ढंग 
नहीं मजहब को मानते नहीं 
ईमान को यह जानते नहीं
  बम -विस्फोट करवाना इनका कर्म
  पैसे के बल पर सौहरत कमाते  लोगो को ये भूखे मरते